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- Language: Hindi
- Author: Tarun Kumar Wahi
- Penciler: Siddarth Pawar
- Inker: Sanjeev Sharma
- Colorist: N/A
- Pages: 48
मुंबई का रक्षक डोगा जिसने हमेशा ही अपने विवेक से अपराधियों को चुन- चुन के सजा दी आज उसी डोगा ने एक अध्यात्मिक गुरु, एक मानसिक चिकित्सक बाबा और मुंबई के मुख्यमंत्री को सरेआम गोलियों से भून डाला! क्या डोगा की विवेकशीलता भ्रष्ट हो गई है? क्योंकि इतने अनाचार के पश्चात भी नहीं रुका डोगा और उसने कर लिया देवी सरीखी कौशल्या माँ का हरण! उसके इस अत्याचार से त्रस्त मुम्बईवासी इस दशहरे पर जलाना चाह रहे हैं रावण डोगा का पुतला!
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